एक सीरीज देखी। मैंने शोटाइम नाम से डिज्नी हॉटस्टार पर आई है, लेकिन यह सीरीज फिलहाल आधी अधूरी है। सिर्फ चार एपिसोड और हर एपिसोड ऑलमोस्ट 40 मिनट का। इस चार एपिसोड में वह मजा आएगा कि नहीं, आइए बात करते हैं। वेल हेलो मेरा नाम है योगी और हमारी मुलाकात बार बार होगी। देखो सिनेमा इज वन ऑफ द बिगेस्ट बिजनेस इंडस्ट्री इन द वर्ल्ड, जिसमें बहुत से लोग काम करते हैं।
एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, कैमरामैन, राइटर, सिंगर, लिरिसिस्ट से लेकर स्पॉटबॉय तक। और बाहर की बात करें तो मीडिया जर्नलिस्ट, फिल्म एनालिस्ट, क्रिटिक्स एंड रिव्यू टू और हर कोई इस इंडस्ट्री में स्ट्रगल ऑफ लिविंग कर रहा है। अपने अपने तरीके से और शोटाइम की जो कहानी है ऐसे ही आस्पेक्ट के साथ स्टोरी लाइन को सामने रखती है। ये शो करन जौहर के धर्मा प्रोडक्शन ने बनाया है।
स्टार नसीरुद्दीन शाह, इमरान हाशमी, राजीव खंडेलवाल, मौनी रॉय और महिमा मकवाना एवं बहुत सारे कैमियो भी है। एकदम भरभर के कैमियो है। अमिन ऐसे ऐसे कैमियो है जो रियल एक्टर्स है। रियल प्रोड्यूसर्स है, रियल डायरेक्टर्स है एवं ड्रेस डिजाइनर एंड कोरियोग्राफर भी। और इसकी जरूरत शायद इसलिए भी थी क्योंकि टॉपिक ही कुछ ऐसा है।
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के ऊपर बनी ये सीरीज आपके सामने फिल्म इंडस्ट्री के काफी सारे अंदरूनी बातों को लाती है। रिव्यू सिस्टम कैसे काम करता है, कैसे वहां के लोगों को सिर्फ नंबर्स की पड़ी है ना की एंटरटेनमेंट की यूनो इन। किसने कितना कमाया एंटरटेनमेंट गया भाड़ में। एक वेल स्टैब्लिश फिल्म कंपनी रहती है विक्टरी नाम से जिसके ओनर रहते हैं विक्टर खन्ना। प्लेड बाय.
Showtime Series Review
नासिर जी जिसकी उनके बेटे से नहीं बनती। यानि रघु खन्ना लेट बाय इमरान हाशमी। लेकिन इसी बीच माही का नंदी नाम से एक क्रिटिक आती है सामने एक बहुत ही दिलचस्प ट्विस्ट लेकर और कहानी आगे बढ़ती है। अब वो ट्विस्ट क्या है उसके लिए आपको सीरीज देखनी पड़ेगी। बट ये शो जहां पहले दो एपिसोड में काफी इंगेज करके रखता है वहीं दूसरे दो एपिसोड मुझे बहुत फीके लगे।
हालांकि इंडस्ट्री के बहुत से चीजों को टीज किया गया है। लाइक एक डायलॉग है कि एक स्टार तब ही सुपरस्टार बनता है जब वो पान मसाला कंपनी का ब्रांड एंबेसडर बन जाता है। अजय देवगन भी लाइक मेरे को क्यों तोड़ा? साउथ इंडस्ट्री की भी बात की गई है कि बॉलीवुड को साउथ इंडस्ट्री ओवरटेक करके आगे चली गई है तो ऐसे कि अच्छे खासे डायलॉग्स भी है।
मुझे स्टार्टिंग में लगा था कि इसका टॉपिक फिल्म इंडस्ट्री वर्सेस रिव्यू सिस्टम होगा, पर पहले दो एपिसोड के बाद ही इसने टोटली अपने टॉपिक को शिफ्ट कर दिया। एंड दो एपिसोड के बाद इंडस्ट्री के बीच में चल रहे कांस्पिरेसी को दिखाती है। बाकी अगर आप फिल्म इंडस्ट्री से किसी भी तरह से जुड़े हुए हो या एक क्रिटिक हो या मेरी तरह गिरी हुई हो या ईवन। फिल्म इंडस्ट्री में काम कैसे होता है ये देखना चाहते हो?
फिल्म इंडस्ट्री आपसे क्या छुपाती है, क्या दिखाती है इसके बारे में जानना चाहते हो तो हां ये आपके लिए है। बटन, फॉर्च्यूनर, टेली पूरा शो नहीं हैं। अगला पार्ट जून में आएगा। इस चार एपिसोड में वल्गर सीन्स वगैरह। ऐसा कुछ नहीं है। लेकिन इमरान हाशमी अपने चुम्मा बाबू वाले अवतार में वापस जरूर आए हैं। हां, गालियां बहुत ज्यादा है। एफ वर्ड लग गए एल एमसीबी सी जी फाड़ बहुत सुनने को मिलेगा तो ध्यान से जरा। बाकी मुझे ये चार एपिसोड ठीक ठाक ही लगे। आई होप के आगे आने वाले एपिसोड ज्यादा.